8वें वेतन आयोग पर सरकार का बड़ा अपडेट: नई पद्धति से बढ़ेगी सैलरी ; केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन और वेतन वृद्धि को लेकर चल रही अटकलों पर एक महत्वपूर्ण संकेत दिया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि आठवां वेतन आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करने के लिए खुद की नई कार्यप्रणाली और प्रक्रिया तय करेगा। इसका सीधा मतलब यह है कि इस बार कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का तरीका पिछले वेतन आयोगों से अलग हो सकता है। सोशल मीडिया पर चल रहे दावों और फिटमेंट फैक्टर जैसी चर्चाओं के बीच, सरकार के इस बयान ने साफ कर दिया है कि फिलहाल किसी भी अंतिम नतीजे पर पहुँचना जल्दबाजी होगी।
लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि आयोग अपनी सिफारिशों के लिए स्वयं की पद्धति का इस्तेमाल करेगा। यह जवाब उन चिंताओं के बीच आया है जिसमें कर्मचारी और पेंशनर्स अपनी शिकायतों और मांगों पर विचार करने की उम्मीद लगाए बैठे थे। वर्तमान में कर्मचारी संगठनों द्वारा महंगाई भत्ते (DA) को बेसिक सैलरी में मर्ज करने, अंतरिम राहत की घोषणा करने और 1 जनवरी 2026 से नई सिफारिशों को लागू करने जैसी प्रमुख मांगे उठाई जा रही हैं।
जानकारों का मानना है कि आठवां वेतन आयोग अपनी पूरी रिपोर्ट तैयार करने में लगभग 18 महीने का समय ले सकता है, जिसका अर्थ है कि कर्मचारियों को अंतरिम सिफारिशों के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। यह बदलाव कोई नई बात नहीं है, क्योंकि सातवें वेतन आयोग ने भी पुराने ग्रेड पे सिस्टम को हटाकर पे मैट्रिक्स लागू किया था। इसलिए, उम्मीद जताई जा रही है कि आठवां वेतन आयोग वेतन वृद्धि का कोई बिल्कुल नया फार्मूला पेश कर सकता है।
अंत में, विशेषज्ञों और सरकार का यही सुझाव है कि कर्मचारी और पेंशनर्स सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों या फर्जी दावों पर भरोसा न करें। वेतन आयोग की प्रक्रिया एक व्यवस्थित तरीके से चलेगी और आधिकारिक सिफारिशों के बाद ही तस्वीर साफ होगी। फिलहाल सभी की नजरें आयोग द्वारा तय की जाने वाली नई पद्धति पर टिकी हैं, जो आने वाले समय में लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के भविष्य का निर्धारण करेगी।








